Devotional Status in Hindi
लोग तो दुनियाँ वालो से यारी करते है मेरी तो दुनियाँ बनाने वालो से यारी है,,,,,,,
मुझे फुरसत कहा जो मौसम सुहाना देखू महादेव की यादों से निकलू तो जमाना देखू,,,,,,,
जब तकलीफ़ हो जीने में तब शिव को बसा लो सीने में "हर हर महादेव",,,,,,,
हर आरम्भ का मैं अंत हूँ, हर अंत का मैं आरम्भ हूँ , मैं सत्य हूँ; मैं शिव हूँ; मैं काल हूँ; मैं ही महाकाल हूँ,,,,,,,
फिक्र करना ही क्यूँ फिक्र से होता है क्या | भरोसा रखो "श्याम" पर फिर देखो होता है क्या,,,,,,,
प्रेम अगर करना ही है तो, मेरे "कन्हा" से करो जिसके विरह में रोने से भी तुम्हारा उद्धार हो जाएगा,,,,,,,
सेवा सबकी कीजिये मगर आशा किसी से मत रखिये क्योंकि सेवा का सही मूल्य भगवान ही दे सकता है इंसान नहीं ,,,,,,,
कर्म भूमि की दुनिया में श्रम सभी को करना है भगवान सिर्फ लकीरें देता है रंग हमें ही भरना है | जय श्री कृष्णा,,,,,,,
नादान हूँ नादानियाँ कर जाता हूँ दुनियाँ के चक्कर में तुझे भूल जाता हूँ तेरा बडप्पन की तू सम्भाल लेता है मेरे गिरने से पहले तू थाम लेता है,,,,,,,
नहाए धोए से हरी मिले तो मै नहाऊं सौ बार हरि तो मिले निर्मल हृदय से प्यारे मन का मैल उतार,,,,,,,
देने के बदले लेना तो बिमारी है | और जो देकर भी कुछ ना ले वही तो बांके बिहारी है | राधे राधे,,,,,,,
श्री कृष्ण कहते हैं मुँह से मांफ करने में किसी को वक्त नहीं लगता पर दिल से मांफ करने में सारी उम्र बीत जाती है,,,,,,,
कर्म तेरे अच्छे है तो किस्मत तेरी दासी है || नियत तेरी अच्छी है तो घर मथुरा काशी है,,,,,,,
कण कण में विष्णु बसें जन जन में श्रीराम प्राणों में माँ जानकी मन में बसे हनुमान ! जय श्री राम,,,,,,,
"दिल की गहराईयों से की गई सच्ची अरदास, तकदीर को भी बदलने की शक्ति रखती है,,,,,,,
ॐ नमः शिवाय,,,,,,,
अहिंसा ही धर्म है, वही जिंदगी का एक रास्ता है,,,,,,,
जो उपकार करे, उसका प्रत्युपकार करना चाहिए, यही सनातन धर्म है,,,,,,,
जय माँ वैष्णो देवी..पहाडा वाली..ज्योता वाली.,,,,,,,
छड्ड दे फिकरा कल दिया, तूं हस के अज गुज़ार, कल जो होना होके रहना, आपे भली करू करतार वाहेगुरु जी,,,,,,,
हीरा बनाया है ईश्वर ने हर किसी को, पर चमकता तो वही है जो तराशने की हद से गुजरता है . सतनाम श्री वाहेगुरु ,,,,,,,
स्पर्श वो नहीं जिसने शरीर को पाया हो, स्पर्श तो वो है जिसने आत्मा को गले लगाया हो | जय श्री राधे कृष्णा,,,,,,,
कौन कहता है तेरे दर से मांगने वाला गरीब होता है जो तेरे दर तक पहुच जाय वो सबसे बड़ा खुशनसीब होता है,,,,,,,
नैन खुले तो दर्शन हो होठ खुले तो कीर्तन हो | याद रखु सतगुरु तेरे नाम को मन भटके तो सुमिरन हो,,,,,,,
कोई तन दुखी, कोई मन दुखी, कोई धन बिन रहत उदास | थोड़े थोड़े सब दुखी, सुखी सिर्फ मेरे सतगुरु के दास,,,,,,,
ॐ महागणपते नमोऽस्तु ते,,,,,,,
प्रभु कहते है तुम किसी का कुछ मत बिगाड़ना , मैं तुम्हरा कुछ भी बिगड़ने नही दूंगा,,,,,,,
धर्म की सबसे सरल व्याख्या किसी भी आत्मा को हमारी वजह से दुःख ना पहुँचे यही धर्म है.,,,,,,,
सुबह का आरंभ हरि के चरणों में नमन के साथ करें जय श्री कृष्णा,,,,,,,
शरीर जल से पवित्र होता है, मन सत्य से, बुद्धि ग्यान से, और आत्मा धर्म से,,,,,,,
काल भी तुम और महाकाल भी तुम लोक भी तुम और त्रिलोक भी तुम शिव भी तुम और सत्यम भी तुम,,,,,,,
महसूस करके देखा महादेव हर पल मेरे साथ हैं दिखते नहीं कहीं पर सर पर उन्हीं का हाथ हैं,,,,,,,
जो जग को ना भाया उसे तूने अपनाया, किस चीज़ की लालच देंगे वो हमको जब तू ही मेरा मोह तू ही मेरी माया,,,,,,,
ना घर पर रहते है ना घाट पर रहते है हम तो उनकी शरण में रहते है जिन्हें लोग महाकाल कहते हैं,,,,,,,
मैं हर रूप में तुम्हारी मदद के लिए आता हूँ ; मुझे ढूंढो मत केवल पहचानो,,,,,,,
न कोई चेला न कोई मेला, मन मिले तो मिल जाओ मुझसे , वरना शिव भक्त चले अकेला *बम बम भोले* ,,,,,,,
दे दो बस एक ही वरदान, आपके भगत से न हो पाये कभी कोई बुरा काम हर हर महादेव ,,,,,,,
आ बैठ मेरे मालिक आज बटवारा कर ही लें, सारी दुनिया तेरी और सिर्फ तूं मेरा ,,,,,,,
कर्मो से डरिये, ईश्वर से नहीं, ईश्वर माफ कर देता है | कर्म माफ नहीं करते ,,,,,,,
अरे कर्मों से डरिए ईश्वर से नहीं , ईश्वर माफ कर देता है कर्म नहीं,,,,,,,
उसने ही जगत बनाया है कण-कण में वो ही समाया है दुख में भी सुख का अहसास होगा जब सिर पर शिव का साया है,,,,,,,
जय श्री राधे कृष्ण,,,,,,,
उदास नहीं होना,क्योंकि मै साथ हूँ, सामने न सही पर आस-पास हूँ, पल्को को बंद कर जब भी दिल मे देखोगे, मै हर पल तुम्हारे साथ हूँ ,,,,,,,
"सबसे पहला प्रेम ज़िन्दगी में उससे होना चाहिए, जिसने ये सब कुछ बनाया। उससे होना चाहिए जो बिना मांगे देता है,,,,,,,
माँ ! मैं सब कुछ भूल सकती हूँ…तुम्हे नहीं ,,,,,,,
नमो नमो दुर्गे सुख करनी. नमो नमो अम्बे दुःख हरनी.,,,,,,,
जगत पालनहार है माँ, मुक्ति का धाम है माँ, हमारी भक्ति का आधार है माँ, सबकी रक्षा की अवतार है माँ, शुभ नवरात्रि,,,,,,,
सारा जहां है जिसकी शरण में, नमन है उस माँ के चरण में.,,,,,,,
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं । भर्गो देवस्य धीमहि, धीयो यो न: प्रचोदयात् ,,,,,,,
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ,,,,,,,
गायत्र्येव परो विष्णुर्गात्र्येव परः शिवः ।गायत्र्येव परो ब्रह्मा गायत्र्येव त्रयी ततः ,,,,,,,
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा,निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा,,,,,,,
सारा जहां है जिसकी शरण में, नमन है उस माँ के चरण में,,,,,,,
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता| नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम,,,,,,,
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी,,,,,,,
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ ,,,,,,,
ॐ ह्रीं दुं दुर्गाय नम,,,,,,,
जय अम्बे गौरी ,,,,,,,
शुभ नवरात्री ,,,,,,,
जय माँ शक्ति,,,,,,,
जय माता दी,,,,,,,
जय श्री राधा सनेह बिहारी जी ,,,,,,,
जय जय श्री गणेश रिद्धि सिद्धि के दाता,,,,,,,
गणपती बाप्पा मोरया,,,,,,,