Alone Shayari in Hindi
वादों की तरह इश्क भी आधा रहा, मुलाकातें कम रही इंतजार ज्यादा रहा.,,
ज़ारो चेहरों में एक तुम दिल को अच्छे लगे, वरना ना चाहत की कमी थी ना चाहने वालो की.,,
कुछ ख्वाहिंशे कुछ चाहते अभी बाकी है..टूटकर भी लगता है … टूटना अभी बाकी है,,
बहोत याद आते हो तुम, दुआ करो,मेरी याददाश्त चली जाये.,,
पहले तुम ही दुनिया लगते थे.. अब तुम भी दुनिया निकले,,
हँसते हुए चेहरों को ग़मो से आजाद ना समझो, मुस्कुराहट की पनाहों मे हजारों दर्द होते है.,,
दिल तक पहुँचने का रास्ता, वफ़ा के समंदर से होकर गुजरता है। हर लहर पे नाव बदलने वाले, मंजिल तक नही पहुँचा करते,,
कुछ नही मिलता बस एक सबक़ मिल जाता हैं, ख़ाक हो जाता हैं इंसान, ख़ाक से बने इंसान के पीछे,,
बहुत सोच समज कर रूठा करो अपनो से, आज कल मनाने के रिवाज नही हैं,,
फिर आ जाओ ज़िन्दगी में मैं फिर से जीना चाहती हूँ,,
होने दो जरा उन को भी तनहा.... याद हम भी उन्हें बेहिसाब आएंगे,,
मुद्दतें हो गईं हैं चुप रहते , कोई सुनता तो हम भी कुछ कहते,,
मैंने उस शख्स को कभी हासिल ही नहीं किया, फिर भी हर लम्हा लगता है कि, मैंने उसे खो दिया,,
शिकायत जिन्दगी से नहीं , उनसे है जो जिन्दगी में नहीं है ,,
शिकायत जिन्दगी से नहीं , उनसे है जो जिन्दगी में नहीं है,,
बिन धागे की सुई सी बन गई है ये ज़िंदगी ...सिलती कुछ नहीं ... बस चुभती चली जा रही है ,,
यहाँ तो खुद से ही मिले जमाना हो गया ... और लोग कहते है कि हमें भूल गये हो तुम,,
छोड़ कर जाने वाले क्या जानें , यादों का बोझ कितना भारी होता है,,
गुजर तो जायेगी जिन्दगी उसके बगैर भी लेकिन तरसता रहेगा ये दिल प्यार करने वालो को देखकर,,
परेशान करते थे मेरे सवाल तुमको.. तो बताओ पसंद आयी खामोशी मेरी,,
ख्वाहिश थी उस रिश्ते को बचाने की… और बस इक यही वजह थी मेरे हार जाने की,,
मैंने उस शख्स को कभी हासिल ही नहीं किया, फिर भी हर लम्हा लगता है कि मैंने उसे खो दिया,,
चीजों की कीमत मिलने से पहले होती है, और इंसानों की कीमत खोने के बाद,,
याद नहीं वो रूठा था या मैं रूठा था, साथ हमारा जरा सी बात पे छूटा था,,
मुझे किस तरफ जाना है कोई खबर नहीं.... ए-दोस्तों, मेरे रस्ते खो गए….. मेरी मोहोब्बत की तरह.,,
ज़िन्दगी का सबसे लम्बा सफर एक मन से दूसरे मन तक पहुँचना है...और इसी में सबसे ज्यादा समय लगता है,,
गजब का हमदर्द था मेरा, जो दर्द के सिवा कुछ दे ना सका,,,
काश वो भी आकर हम से कह दे , मैं भी तन्हाँ हूँ , तेरे बिन, तेरी तरह , तेरी कसम , तेरे लिए.,,,
रास्ते उसने बदले थे...मंज़िल मेरी बदल गई,,,
अब मुझे रास आ गई है तन्हाइयाँ... आप अपने वक़्त का अचार डाल लिजिये,,,
खो कर फिर तुम हमें पा ना सकोगे साहब हम वहाँ मिलेंगे जहाँ तुम आ ना सकोगे,,,
जिन्हें नींद नहीं आती उन्हीं को मालूम है सुबह आने में कितने जमाने लगते है,,,
जो लोग ज्यादा हस्ते है ना, अक्सर लोग उनके अंदर का दर्द समझ नहीं पाते है,,,
बनावटी रिश्तो से ज्यादा, सुकून देता है अकेलापन,,,
पता नहीं सुधर गया के बिगड़ गया, ये दिल अब किसी से बहस नहीं करता.,,,
अब शिकायतें नहीं होती किसी से, बस हल्का सा मुस्कुरा देता हूं.,,,
मैं उनका हूँ ये राज सब जानते हैं वो किसके हैं ये सवाल मुझे सोने नहीं देता,,,
अजीब खेल है ये मोहब्बत का किसी को हम न मिले कोई हमें ना मिला ,,,
काश तुम्हें भी पता होता, तुम्हारे बगैर दिन कितना बुरा गुजरता है,,,
वो वक़्त कुछ और था, वो इश्क़ का दौर था, ये वक़्त कुछ और है, ये ख्वाहिशों का दौर है,,,
अल्फ़ाज़ के कुछ तो कंकर फ़ेंको, यहाँ झील सी गहरी ख़ामोशी है,,,
कभी अकेले रह कर देखना, लफ़्जों से ज्यादा आँसू निकलते हैं,,,
सजा ये है कि बंजर जमीन हूँ मैं और, जुल्म ये है कि बारिशों से इश्क़ हो गया ,,,
तू उदास मत हुआ कर इन हज़ारो के बीच आखिर चांद भी तो तन्हा है सितारों के बीच ,,,
बहुत लड़ी मैं तुमसे पर तुम्हारी यादों से हार गई,,,
कोई ठुकरा दे तो हसकर जी लेना, क्यूकि मोहब्बत की दुनिया में जबरदस्ती नहीं होती ,,,
ठोकर खाया हुआ दिल है साहब भीड़ से ज्यादा तन्हाई अच्छी लगती है,,,
सच कहा था किसी ने कि तन्हाई में जीना सीख लो मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो साथ छोड़ ही जाती है,,,
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ना साथ है किसी का, ना सहारा है कोई, ना हम किसी के हैं ना हमारा है कोई,,,
अजब पहेलियाँ हैं हाथों की लकीरों में सफ़र ही सफ़र लिखा हैं हमसफ़र कोई नहीं,,,
तू उदास मत हुआ कर इन हज़ारो के बीच आखिर चांद भी तो तन्हा है सितारों के बीच,,,
मोहब्बत तोह आज भी करते है, लेकिन तू बे -खबर है, कल की तरह,,,
कितना खुश था कभी मैं खुद की ही दुनियाँ में ये गैरों की मोहब्बत ने मुझे तबाह कर दिया ,,,
कुछ वक़्त खामोश होकर भी देख लिया हमने, फिर मालूम हुआ कि लोग सच में भूल जाते है,,,
फैसला ! नहीं हो पा रहा, तनहा ! रात है या मै ,,,
मुलाकात बनकर मिला था मुझ से कोई बड़ी जल्दी गुजर गया वक़्त की तरह.,,,
अंदर तक तोड़ देते हैं, वो आंसू जो रात के अंधेरे में चुपचाप निकलते हैं,,,
मोहब्बत होने में कुछ लम्हे लगते है पूरी उम्र लग जाती है उसे भुलाने में,,,
जरुरी नहीं है कि काम से ही इंसान थक जाए कुछ ख्यालो का बोझ भी, इंसान को थका देता है,,,
भूल जाना तो जमाने की फितरत है, पर तुमने शुरुआत हमसे ही क्यों की,,,
कुछ भी झूठ हो सकता है, मगर अकेले में बहाए आँसू नहीं,,,
शुक्र है दिल सिर्फ धड़कता है, बोलता तो कयामत आ जाती.,,,
बहुत मन करता है हसने का, पर किसी की कमी रुला देती है,,,
एक खता रोज कर रहे हम, जो मिलेगा नहीं उसी पर मर रहे है हम.,,,
मोहब्बत तो मेरी आधी रह गई, मगर खुश हूँ मैं क्यूंकि उसका टाइम पास तो पूरा हो गया,,,
हर रोज तेरी यादों का हिसाब कर लेता हूं, मैं थोड़ा हंस लेता हूं; थोड़ा रो लेता हूं मैं,,,
अगर किस्मत में लिखा है रोना, तो कोई मुस्कुराने पर भी आंसू निकल आते हैं,,,
वक़्त गूंगा नहीं, बस मौन हैं, वक़्त आने पर बता देता हैं की किसका कौन हैं,,,
दुनिया आज भी मेरी दीवानी है और एक हम है कि उनके इंतज़ार में तन्हा बैठे रहते है,,,
सच्ची महोब्बत करने वाले इंसान के नसीब में सिर्फ तन्हाई लिखी होती है,,,
ये जो रात को जागते है ना.. ये जानते है किसी को खोने का दर्द,,,
दुनिया में वो शख्स ही सबसे ज्यादा उदास रहता है, जो अपने से ज्यादा किसी और की फिकर करता है ,,,
कर दिया न फिर से तन्हा, कसम तो ऐसे दी थी जैसे तुम सिर्फ मेरे हो ,,,
अगर तुम कहो तो मैं खुद को भुला दूं, तुम्हे भूल जाने की ताक़त नहीं है ,,,
उस शख्स से बस इतना ताल्लुक है मेरा, की अगर वो परेशान हो तो नींद मुझे नहीं आती,,,
इश्क़ कभी झूठा नहीं होता, झूठे तो बस कसमे और वादे होते है ,,,
हमारे पास तो बस तेरी यादें है, ज़िन्दगी तो उसे मुबारक हो जिसके पास तू है,,,
याद रखना भी हिम्मत का काम है, क्यूंकि भूल जाना तो आजकल आम है,,,
दर्द सिर का हो या दिल का, दोनों बहुत बुरे होते है.,,,
कैसी है मुहब्बत तेरी महफिल में मिले तो अनजान कह दिया !! सन्हा जो मिले तो जान कह दिया,,,
पुछा किसी ने की याद आती है उसकी में मुस्कुराया और बोला तभी तो ज़िंदा हूँ.,,,
माना कि तुझसे दूरियां, कुछ ज्यादा ही बढ़ गई हैं, पर तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तन्हा गुजरता है ,,,
आखिर में खतम हो ही गए, वो रिश्ते उन लोगों से जिन्हे मिलके ये लगा था, की ये लोग जिन्दगी भर साथ देंगे ,,,
साथ साथ धूमते है, हम दोनो रात भर..! लोग मुझे आवारा, और उसे चाँद कहते है,,,
बहुत थे मेरे भी इस दुनिया में अपने, फिर हुआ सच बोलने का नशा और हम लावारिस हो गए,,,
मेरी तन्हाई को मेरा शौक न समझना, बहुत प्यार से दिया है ये तोहफा किसी ने,,,
अनुभव कहता है, खामोशियाँ ही बेहतर है. शब्दो से लोग रूठते बहुत है,,,
हम खुद से बिछड़े हुये लोग हैं, तुमसे क्या मिल पायेंगे ,,,
खुद से बात कर के खुद से ही झगड़ता हूँ, तुम्हारे जाने के बाद अंदर से कितना उलझता हूँ,,,
खुद से बातें करने लगी हूँ, वैसे भी आजकल लोग सुनते कहाँ हैं,,,
बेबसी किसे कहते है, कोई हमसे पूछे, उसका नम्बर तो है पर बात नही कर सकते..,,,
जबरदस्ती की नजदीकियों से सुकून की दूरियां ही अच्छी हैं.,,,
हालातों ने खो दी इस चेहरे की मुस्कान, वरना जहाँ बैठते थे रौनक ला दिया करते थे,,,
कितना खुश था कभी मैं खुद की ही दुनियाँ में..... ये गैरों की मोहब्बत ने मुझे तबाह कर दिया,,,
मुझे इन्तजार था कि तुम समझो मुझको तुमने समझा दिया कि बस इन्तज़ार करो,,,
कैसे कह देते हैं लोग रात गई बात गई, यहां जमाने गुज़र जाते हैं दिल पर लगी बात को भुलाने में ,,,
तन्हा रातें कुछ इस तरह से डराने लगी मुझे, मैं आज अपने पैरों की आहट से डर गया.,,,
भीड़ तन्हाइयों का मेला है, यहाँ हर आदमी अकेला है,,,
किस्मत और दिल की आपस में कभी नहीं बनती, जो लोग दिल में होते है, वो किस्मत में नहीं होते,,,
मत किया कर ऐ दिल किसी से मोहब्बत इतनी, जो लोग बात नहीं करते, वो प्यार क्या करेंगे,,,
कभी कभी नाराजगी, दूसरों से ज्यादा खुद से होती है,,,
अकेले ही गुज़रती है ज़िन्दगी, लोग तसल्लियाँ तो देते हैं, पर साथ नहीं,,,
सबको दिलासा देने वाला शख्स..अपने दुखों में हमेशा अकेला होता है,,,
तेरी आँखों👀से यूँ तो सागर भी पिए है मैंने💧…तुझे क्या खबर जुदाई के दिन कैसे जिए है मैंने,,,
ज़िन्दगी में मंज़िले तो मिल ही जाती हैं ! लेकिन वो लोग नहीं मिलते जिन्हें दिल से चाहा हो ,,,
ज़रा सी वक़्त ने करवट क्या ली ! गैरों की लाइन में सबसे आगे अपनों को पाया हमने,,,
जाने का कोई इरादा नहीं था, पर रुककर भी क्या करते, जब तू ही हमारा नहीं था,,,
मुसाफ़िर कल भी थी मुसाफ़िर आज भी है, कल अपनों की तलाश में थी आज अपनी तलाश में हूँ,,,
ज़िक्र करते है तेरा हवाओं से अब, ये तूफ़ान बनके तेरे शहर से गुज़रे तो माफ़ करना. ,,,
ना ढूंढ मेरा किरदार दुनिया के भीड़ में, वफ़ादार तो हमेशा तन्हा ही मिलते है..,,,
नफ़रत की एक बात अच्छी लगी मुझे, ये मोहब्बत की तरह झूठी नहीं है साहब,,,
ख्वाब चुभते रहते है, आंखों में सारी रातभर, वो पूछते रहे वजह आँखो के लाल होने की ,,,
वो साथ थे तो एक लफ़्ज़ ना निकला लबों से, दूर क्या हुए कलम ने क़हर मचा दिया,,,
सवरने का तो सवाल ही नहीं उठता, हम तो बिखरे ही लाजवाब है,,,
आज परछाई से पूछ ही लिया, क्यों चलती हो मेरे साथ ,,उसने भी हँस के कहा, दूसरा कौन है तेरे साथ,,,
फ़ासले तो बढ़ा रहे हो मगर इतना याद रखना, मुहब्बत बार बार इंसान पर मेहरबान नहीं होती,,,
खोकर पता चलती है कीमत किसी की, पास अगर कोई हो तो एहसास कहाँ होता है,,,
कितना होशियार है मेरा यार.. तोहफे में घड़ी तो दे दी लेकिन वक़्त नहीं,,,
जिंदगी भर के लिये रूठ के जाने वाले, मैं अभी तक तेरी तस्वीर लिये बैठा हूँ.,,,
कई बार ये सोचके दिल मेरा रो देता है, की मुझे ऐसा क्या पाना था जो मैंने खुद को भी खो दिया,,,
किस्सा बना दिया उन लोगों 🤵 ने भी मुझे जो कल तक मुझे अपना हिस्सा बताया करते थे,,,
अकेली रात बोलती बहुत है, लेकिन सुन वही सकता है जो खुद भी अकेला हो,,,
बड़ा अजीब ये दुनिया का मेला है, इतनी भीड़ में भी हमारा दिल अकेला है,,,
कभी सोचा नहीं था, वो भी मुझे तनहा कर जाएगी, जो परेशान देख कर अक्सर कहती थी, मैं हूँ ना,,,
आज कल लोगो को अपना प्यार भी, Free_Time पर याद आता हैं ,,,
मुझको छोड़ने की वजह तो बता देते, मुझसे नाराज थे या मुझ जैसे हज़ार थे ,,,
उनकी जब मर्जी होती है तब हमसे बात करते हैं, और हम पागल पूरा दिन उनकी मर्जी का इंतज़ार करते हैं,,,
जिन्दगी न जाने किस मुकाम तक पहुँच गई है, तन्हाई में रोना पड़ता है और महफ़िल में हँसना पड़ता है,,,
अकेला रहता हूं क्योंकि अकेला हूं,,,
अकेली रात बोलती बहुत है लेकिन सुन वही सकता है जो खुद भी अकेला हो ,,,
हादसे कुछ जिंदगी में ऐसे हो गए, हम समंदर से ज्यादा गहरे हो गए.,,,
सबको माफ करके सोया करो जिंदगी कल की मोहताज नही होती.,,,
अक्सर वही बात रुलाती है, जिनके जवाब में हम कहते है "कोई बात नही,,,
बस कोशिश इतनी हैं कि, अब किसी से लगाव ना हो..,,,
बड़े महंगे पड़े मेरे रिश्ते मुझ पर, अपना अपना कहकर मेरी जिंदगी ले गए ,,,
वो एक कसम निभाने में डर गए और, हमे उसकी कसम देकर न जाने कितनो ने लूटा,,,
अब ये न पूछना की.. ये अल्फ़ाज़ कहाँ से लाता हूँ कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के, कुछ अपना हाल सुनाता हूँ,,,
हिचकियां आती है तो पानी पी लेता हूँ, अब वो वहम छोड़ दिया है। कि कोई याद करता है..,,,
तेरे साथ को तरसे, तेरी बात को तरसे, तेरे होकर भी तेरी एक मुलाकात को तरसे.,,,
कमाल का सूकून है उस नींद में, जो बुरी तरह रोने के बाद आयी हो.,,,
तुमसे फांसले रखना ही बेहतर था, तुम्हारे करीब बहुत लोग थे,,,
न किसी से शिकायत न अनबन है, बस कुछ दिन अकेले चलने का मन है.,,,
टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गए, किसी को लग ना जाये इसलिए सबसे दूर हो गए,,,
वो अपने ही होते है, जो लफ़्जों से मार देते है,,,
आज इतना अकेला महसूस किया खुद को जैसे लोग दफना के चले गए हों.,,,
दुनिया में हर वो शख्स अकेला है जिसने सच्चे दिल से किसी को चाहा हो ,,,
हम साथ रहे या न रहे बस तुम खुश रहो इतना ही काफी है मेरे लिए ,,,
किसी और का हाथ कैसे थम लू कही वह तन्हा मिल गई तो क्या जवाब दुगा,,,
हिम्मत इतनी थी की समुन्दर भी पार कर सकते थे और मजबूर इतना हुए की दो बूँद आंसुओ ने डुबो दिया ,,,
ये शिकायत नहीं तजुर्बा है जनाब की कदर करने वालो की कोई कदर नहीं करता ,,,
किस्मत का भी कोई कसूर नहीं, कई बार हम मांग भी वो लेते हैं जो किसी और का होता है।,,,
आज़ाद कर दिया आज उस पंछी को, जिस में कभी मेरी जान होती थी,,,
तुमने कभी समझा ही नहीं ना समझना चाहा, हम चाहते ही क्या थे तुमसे तुम्हारे सिवा,,,
क्या बात है बड़े चुपचाप से बैठे हो कोई बात दिल पे लगी है या दिल कहीं लगा बैठे हो,,,
हद से बढ़ जाए ताल्लुक तो गम देते है, हम इसी वास्ते हर शख्स से कम मिलते है,,,
बुरा नहीं हूँ मैं मेरी भी कुछ कहानी है, टूट चुका हूँ मैं, अपनो की मेहरबानी हैं,,,
चालाकी कहा मिलती है मुझे भी बताओ दोस्तों, हर कोई ठग लेता है जरा सा मीठा बोल कर,,,
शब्द ...मन ..जज़्बात , एक एक करके सब खामोश हो गए,,,
अक्सर अकेलेपन से वही गुजरता है जो जिंदगी में सही फैसलों को चुनता है ,,,
कुछ खामोश कुछ गुमशुदा से हैं, हम आज तेरे बिन खुद से जुदा जुदा से हैं हम,,,,