Hindi Sad Shayari
वो आएगी नहीं में फिर भी इंतजार करता हु एक तरफ ही सही पर सच्चा प्यार करता हु,,,,,
हसरतें आज भी ख़त लिखती हैं मुझे...मगर अब मैं पुराने पते पर नहीं रहता,,,,,
थक गयी हूँ मैं दर्द छुपाते छुपाते और लोग कहते है मैं मुस्कुराती बहुत हूँ,,,,,
“सच्चा प्यार क्या है उस इंसान से पूछो जिसने दिल टूटने पर भी किसी के लौट आने का इन्तजार किया है,,,,,
छोड़ दो बहाने जो तुम करते हो, हमे अच्छे से पता है, मजबुरियां तब ही आती है जब दिल भर जाता है,,,,,
ख़ास थे तुम इस लिए लड़े, पराये होते तो मुस्कुरा कर जाने दिया होता,,,,,
इस भरी दुनिया में कोई भी हमारा न हुआ ग़ैर तो ग़ैर हैं अपनों का सहारा न हुआ,,,,,
मेरी शायरी को लोग इतनी सिद्दत से पढते हैं, जैसे इन सबने भी किसी अजनबी से मोहब्बत की हो,,,,,
ना जाने किस बात पे वो नाराज हैं हमसे, ख्वाबों मे भी मिलता हूँ तो बात नही करती,,,,,
मौत के नाम से सुकून मिलने लगा… जिंदगी ने कम नही सताया हमको,,,,,
हम थोड़ा अपनी ज़िन्दगी में मशरूफ़ क्या हुए, लोगों ने हमे अपने दिल से निकाल दिया,,,,,
ज़िन्दगी का यही एक कड़वा उसूल है,देने से ज्यादा ज़िन्दगी छीन लेती है,,,,,
तेरे बाद हमारा हमदर्द कौन बनेगा, हमने तो सब छोड़ दिया तुझे पाने की जिद्द में,,,,,
तेरे होने तक मैं कुछ ना था. तेरा हुआ तो मैं बर्बाद हो गया.,,,,,
ज़िन्दगी ने बहुत सारे तजुर्बे दिए मगर, जिन्होंने तजुर्बे दिए वो अपने ही थे,,,,,
दिल का दर्द किसे दिखाएं, मरहम लगाने वाले ही जख्म दे जाते हैं,,,,,
काश तू मेरी मौत होती तो एक दिन मेरी ज़रूर होती.,,,,,
कितना मुश्किल है उस इंसान को मनाना, जो रूठा भी न हो और बात भी न करे..,,,,,
मुझसे भी बेहतर मिलेगा तुमको कोई पर मेरे जैसा प्यार करे इसकी उम्मीद मत करना ,,,,,
तुम्हे खो कर इतना तो जान गया हु की तुम्हे पाने वाले सब पछतायगे ,,,,,
ये शिकायत नहीं तजुर्बा है जनाब की कदर करने वालो की कोई कदर नहीं करता ,,,,,
तैरना तो आता था हमें लेकिन जब उसने हाथ नहीं पकड़ा तो डूब जाना बेहतर लगा ,,,,,
"दिल में आने का रास्ता तो होता है, लेकिन जाने का नहीं इसलिए जो भी जाता है दिल तोड़कर जाता है ,,,,,
चेहरे बदल जाए तो कोई तकलीफ नहीं अगर लेहज़े बदल जाए तो बहुत तकलीफ होती है,,,,,
सोचा था एक घर बनाकर बैठूंगा सुकून से...लेकिन घर की ज़रूरतो ने मुसाफिर बना दिया ,,,,,
मौत से कह दो अपनी नाराजगी ख़तम कर ले वो बहुत बदल गया है जिनके लिए हम जीते है ,,,,,
वो बनाते गए और हम बनते गए, कभी मजाक तो कभी तमाशा,,,,,
जितना प्यार तेरी बातों में था, काश तेरे दिल में भी होता,,,,,
दुश्मनों की जरूरत अब है भी किसे, अपने ही बहुत हैं दर्द देने के लिए,,,,,
जिन से मिलना मुमकिन नहीं होता, याद भी सबसे ज्यादा वही आते हैं,,,,,
वक़्त भी बहुत बेईमान है, ख़ुशी में एक पल का और दुखों में ख़तम ही नहीं होता,,,,,
उसने मुझे इस कदर तोड़ा है कि अब तक जुड़ने का मन नहीं करता,,,,,
मैं शायरी किसी की यादों में नहीं लिखता, लेकिन जब लिखता हूँ तो उसकी याद जरूर आ जाती है,,,,,
सिमट गया मेरा प्यार भी चंद अल्फाजों में, जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं,,,,,
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया जाने क्यूँ आज तेरे नाम पे रोना आया,,,,,
बारिशे हो ही जाती है मेरे शहर में, कभी बादलो से तो कभी आँखों से.,,,,,
हकीकत कुछ और ही होती है..हर गुमसुम इंसान पागल नही होता,,,,,
आँखें थक गई है आसमान को देखते देखते , पर वो तारा नहीं टूटता , जिसे देखकर तुम्हें मांग लूँ ,,,,,
कभी सुकून था तेरी बातों में, अब तेरे जिक्र पर बात बदल देते है,,,,,
पानी चाहे समुद्र में हो या आँखों में, राज और गहराई दोनों में होती है,,,,,
ना छेड़ो ग़मों की राख को, इसमें भी अंगारे होते हैं...हर दिल में एक समुन्दर होता है, तभी आंसू खारे होते हैं,,,,,
लोग बनाते गये और हम बनते गये कभी मजाक तो कभी तमाशा,,,,,
जितना प्यार तेरी बातों में था, काश तेरे दिल में भी होता,,,,,
किस्मत का भी कोई कसूर नहीं, कई बार हम मांग भी वो लेते हैं जो किसी और का होता है,,,,,
ज़िन्दगी में मंज़िले तो मिल ही जाती हैं ..लेकिन वो लोग नहीं मिलते जिन्हें दिल से चाहा हो,,,,,
दर्द दिलो के कम हो जाते, मैं और तुम अगर हम हो जाते ,,,,,
खुद को माफ़ नही कर पाओगे, जिस दिन जिंदगी में हमारी कमी पाओगे.,,,,,
यहाँ लोग अपनी गलती नही मानते, किसी और को अपना क्या मानेंगें.,,,,,
आँसू भी आते हैं और दर्द भी छुपाना पड़ता है, ये जिंदगी है साहब यहां जबरदस्ती भी मुस्कुराना पड़ता है,,,,,
समझ में नहीं आता कि किस पर भरोसा करू, यहां तो लोग नफरत भी करते है मोहब्बत की तरह,,,,,
आखिर कैसे भुला दे हम उन्हें... मौत इंसानो को आती है यादों को नहीं,,,,,
ना वो मिल रहे हैं, ना जीने का मजा आ रहा है, बस उन्हें पाने की चाहत में वक़्त बिता जा रहा है,,,,,
ये रात हमसे बहुत प्यार करती है, सबको सुलाकर हमसे अकेले में बात करती है,,,,,
रिश्ते धीरे धीरे ही ख़त्म होते हैं, बस पता अचानक चलता है,,,,,
बहुत मुश्किल होता है वो लम्हा जब आप टूट रहे हो, और मुस्कुराना आपकी मजबूरी हो,,,,,
बुरा किया भी नही और बुरे बन भी गये हम,,,,,
बदल जाते है वो लोग वक़्त की तरह, जिन्हें हद से ज्यादा वक़्त दिया जाता है..,,,,,
देता सब कुछ है ✒ खुदा हमें, पर जिसे चाहो उसे छोड़कर,,,,,
आज एक ख्वाब ने बड़ी नजाकत से पूछा मुझसे... पूरा करोगे या टूट जाऊ ,,,,,
तू इश्क की दूसरी निशानी देदे मुझको,आँसू👀तो रोज गिर के सूख जाते हैं,,,,,
कहीं बाजार में मिल जाये तो लेते आना…वो चीज़ जिसे दिल का सुकून कहते हैं,,,,,
तेरी यादो को पसन्द आ गई है मेरी आँखों की नमी…हँसना भी चाहूँ तो रूला देती है तेरी कमी,,,,,
आखिर तूने मेरी जिन्दगी को अधूरा कर दिया…वाह रे मोहब्बत तूने अपना काम पूरा कर दिया,,,,,
किसी से नाराजगी इतने वक्त तक ना रखो कि वह तुम्हारे बगैर ही जीना सीख जाए,,,,,
कौनसा अंदाज़ है ये तेरी महोब्ब्त का, ज़रा हमको भी समझा दे…मरने से भी रोकते हो, और जीने भी नहीं देते,,,,,
बहुत डर लगता है उन लोगो से जो बातों में मिठास और दिलो में जहर रखते हैं,,,,,
बिन धागे की सुई सी बन गई है ये ज़िंदगी, सिलती कुछ नहीं, बस चुभती चली जा रही है,,,,,
जब प्यार नहीं है तो भुला क्यों नहीं देते, ये ख़त किसलिए रखे हैं जला क्यों नहीं देते ,,,,,
उनकी नफरत बता रही है, हमारी मोहब्बत गज़ब की थी ,,,,,
तुम नहीं मिले तो क्या हुआ सबक़ तो मिल गया,,,,,
तुम तो रह लेते हो हमारे बिना पता नहीं, हमसे क्यों नहीं रहा जाता तुम्हारे बिना ,,,,,
मिल ही जाएगा कोई ना कोई टूट के चाहने वाला,अब शहर का शहर तो बेवफा हो नहीं सकता,,,,,
तू भी आईने की तरह बेवफा निकला, जो सामने आया उसी का हो गया ,,,,,
देखी है दरार आज मैंने आईने में..पता नहीं शीशा टुटा हुआ था या फिर मैं,,,,,
खुद को माफ़ नहीं कर पाओगे, जिस दिन जिंदगी में हमारी कमी पाओगे,,,,,
इंतजार है मुझे जिंदगी की आखिरी पन्ने का सुना है, अंत में सब ठीक हो जाता है,,,,,
थोड़ा और बताओ ना मुझे मेरे बारे में, सुना है बहुत अच्छे से जानते हो तुम मुझे ,,,,,
हम तो बस जरूरत थे, जरूरी तो कोई और था,,,,,
जिंदा हूँ तब तक तो हालचाल पुछ लिया करो, मरने के बाद हम भी आजाद तुम भी आजाद,,,,,
मेरे आँसुओं के दाम तुम चुका नहीं पाओगे, मोहब्बत न ले सके तो दर्द क्या खरीद पाओगे,,,,,
नींद चुराने वाले पुछते है सोते क्यों नहीं, इतनी ही फ़िक्र है तो, फिर हमारे होते क्यों नहीं,,,,,
आज भी लड़खड़ा जाती है आवाज़..जब कोई पूछता है तुम्हारे बारे में,,,,,
लगता है जिंदगी आज कुछ ख़फ़ा हैj, चलिए छोड़िए कौन सी पहली दफ़ा है,,,,,,
तेरी खुशी जरूरी है, हमारा बात करना नहीं.,,,,,
तुझे पाना ज़रूरी नहीं है तेरा होना ही काफी है,,,,,
गलतफहमी थी की सब अपने है.,,,,,
अब मेरा हाल चाल नहीं पूछते हो तो क्या हुआ, कल एक-एक से पूछोगे कि उसे क्या हुआ था,,,,,
बहुत दिनों से कोई हिचकी नहीं आयी, भूलने वाले तेरी तबियत तो ठीक है ना,,,,,
अंदर तक तोड़ देते हैं, वो आंसू जो रात के अंधेरे में चुपचाप निकलते हैं,,,,,
इश्क कभी खत्म नहीं होगा, बस तेरे सामने अब जाहिर नहीं होगा,,,,,
दोनों ही मजबूर रहे अपने-अपने दायरे में, एक इश्क कर न सका और एक इश्क भुला न सका,,,,,
मतलबी Day भी होना चाहिए, मेरे पास काफी लोग हैं Wish करने के लिये.,,,,,
मुझे सिर्फ इतना बता दो, इंतज़ार करू या बदल जाऊं तुम्हारी तरह,,,,,
मत किया कर ऐ दिल किसी से मोहब्बत इतनी, जो लोग बात नहीं करते वो प्यार क्या करेंगा,,,,,
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो क्या ग़म है जिस को छुपा रहे हो,,,,,
मत आने दो किसी को करीब इतना, कि उससे दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये ,,,,,
सुकून की तलाश में हम दिल बेचने निकले थे खरीददार दर्द भी दे गया और दिल भी ले गया,,,,,
हद से बढ़ जाए ताल्लुक तो गम मिलते है इसलिए हम इसी वास्ते हर शख्स से कम मिलते है,,,,,
मुझे गिरते हुए पत्तों ने ये समझाया है, बोझ बन जाओगे तो अपने भी गिरा देते है,,,,,
रात में जागने में और नींद ना आने में फर्क है,,,,,
बेच दूँ क्या सारी परेशानियां मौत अच्छा दाम दे रही है.,,,,,
सुना है, साँस रुक जाने पर बिछड़ने वाले भी मिलने आते है,,,,,
खफा रहने का शौक भी पूरा कर लो तुम, लगता है तुम्हे हम ज़िंदा अच्छे नहीं लगते,,,,,
बदले बदले से हो जनाब क्या बात हो गई, शिकायत हमसे हैं या किसी और से मुलाकात हो गई,,,,,
कभी किसी से बात करने की आदत मत डालना, क्योंकि जब वो बात करना छोड़ देते हैं, तो जीना मुश्किल हो जाता है,,,,,
तमन्ना थी, कि कोई टूटकर चाहे हमे। मगर हम खुद ही टूट गए किसी को चाहते चाहते,,,,,
जरा सा भी नहीं पिघलता दिल तुम्हारा, इतना क़ीमती पत्थर कहाँ से खरीदा .,,,,,
अजीब खेल है ये मोहब्बत का, किसी को हम न मिले, कोई हमें ना मिला,,,,,
माफ़ी चाहता हू, तेरा गुनहगार हू ए दिल, तुझे उसके हवाले किया जिसे तेरी कदर नहीं.,,,,,
दर्द की बात मत करो जिसने भी दिया है बेमिसाल दिया है ,,,,,
मारना ही था तो गोली मार देते यूँ पल पल तड़पाने की वजह क्या है,,,,,
शीशे की तरह साफ़ हूँ फिर भी न जाने क्यू अपनों की समझ से बाहर हूँ,,,,,
ना होने का एहसास सबको है, मौजूदगी की कदर किसी को नहीं,,,,,
बहुत नाराज़ थे तो रो पडे, अपनों से क्या ही शिकायत करते ,,,,,
थक कर मुस्कुरा देता हूं, जब रोया नहीं जाता हमसे,,,,,
बाहर से शांत दिखने के लिये अंदर से बहुत लड़ना पडता है ,,,,,
जब रिश्तों में ग़लतफहमी आ जाये तो, सच्चा प्यार भी झूठा लगने लगता है. ,,,,,
दुआ कभी खाली नही जाती, बस लोग इंतजार नही करते,,,,,
खुबसूरत सा वो पल था, पर क्या करें वो कल था.,,,,,
तकलीफ़ खुद ही कम हो गई, जब अपनों से उम्मीदें कम हो गई,,,,,
जो तुमसे तंग आ जाए उसे छोड़ दो, क्योंकि बोझ बन जाने से याद बन जाना बेहतर है.,,,,,
तकलीफ़ अकेलेपन से नहीं, अंदर के शोर से है,,,,,
जिसकी गलतियों से भी मैंने रिश्ता निभाया है उसने बार-बार मुझे फालतू होने का एहसास दिलाया है,,,,,
सीख नही पायें हम मीठे झूठ का हुनर; कड़वे सच ने कई रिश्ते छीन लिए हमसे.,,,,,
एक घुटन सी होती है जब कोई दिल में तो रहता है मगर साथ नहीं,,,,,
अपनी मर्जी से भी दो चार कदम चलने दें ऐ-जिन्दगी, तेरे कहने पे तो बरसों चलें हैं.,,,,,
टूट सा गया है मेरी चाहत का वजूद ,अब कोई अच्छा भी लगे तो हम इज़हार नहीं करते,,,,,
वो भी फुरसत में बैठकर �..कसर सोचती तो होगीं.. कि कितनी सीद्दत से मोहब्बत करता था कोई,,,,,
आज भी लड़खड़ा जाती है आवाज़..जब कोई पूछता है तुम्हारे बारे में.,,,,,
सबको अपनी मोहब्बत का सिला मिला में गरीब था साहब मुझे धोखा मिला ,,,,,
सजा तो बहुत दी है ज़िंदगी ने पर कसूर क्या था वो नहीं बताया.,,,,,
एक आखिरी मुलाक़ात की ख्वाहिश थी पर अलविदा भी वो फ़ोन पर ही कह गए,,,,,
बात कोई नहीं मानता, बात का बुरा सब मान जाते है...🥺,,,,,
हर कोई बदल जाता है जब उन्हें आपसे कोई बेहतर मिल जाता है,,,,,
जिस जगह से कोई लौटकर नहीं आता, आज ना जाने क्यों वहां जाने का दिल कर रहा है.,,,,,
तुझे पा लेते तो किस्सा ख़त्म हो जाता, तुम्हें खोया है तो यकीनन कहानी लंबी चलेगी,,,,,
लोग कहते है समझो तो खामोशियाँ भी बोलती है, मै अरसो से खामोश हूँ, वो बरसों से बेखबर है ,,,,,
अंदर ही अंदर ख़त्म हो रहे है..गम नहीं तो, हम ही सही..,,,,,
खुदखुशी की तो हिम्मत नहीं मुझमे, बस दुआ है के कोई हादसा हो जायें ,,,,,
जिनकी हँसी खूबसूरत होती है, उनके जख्म काफी गहरे होते हैं.,,,,,
कांटे तो नसीब में आने ही थे, फूल जो हमनें गुलाब का चुना था,,,,,
मुफ्त में नही सीखा उदासी में मुस्कुराने का हुनर, बदले में ज़िन्दगी की हर खुशी तबाह की है हमने,,,,,
अधूरी कहानी पर खामोश लबों का पहरा है, चोट रूह की है इसलिये दर्द जरा गहरा है,,,,,
रहना पाओगे भुला कर देख लो..यकीन ना आये तो आजमा के देखलो,,,,,
इतना कहाँ मशरूफ हो गए हो तुम.. अब दिल दुखाने भी नहीं आते,,,,,
सीख जाओ वक्त पर किसी की चाहत की कदर करना, कहीं कोई थक ना जाये तुम्हें एहसास दिलाते दिलाते ,,,,,
क्यूँ नहीं महसूस होती उसे मेरी तकलीफ जो कहते थे बहुत अच्छे से जानते हैं तुझे,,,,,
सुकून की तलाश में तुम्हारी आँखों में झाँका था, किसे पता था कम्बखत दिल का दर्द और मिल जाएगा,,,,,
जरुरी नहीं चुभे कोई बात ही, बात ना होना भी बहुत चुभता है,,,,,
आदत थी मुझे सबसे हसकर बोलने की, मेरा शौंक ही मुझे बदनाम कर गया,,,,,
रास्तों ने चाहा तो फिर मिलेंगे हम, मंजिल का तो कोई इरादा नहीं लगता ,,,,,
काश रोने से नसीब बदल जाता, कसम तुम्हारी आंसुओं से दुनिया डुबो देते ,,,,,
रोज़ ख्वाबो मे जीता हूँ, वो ज़िन्दगी... जो तेरे साथ मेने हकीकत मे सोची थी.,,,,,
ख़त्म हो गए उन लोगों से रिश्ते भी, जिनसे मिलकर लगता था, ज़िन्दगी भर साथ देंगे ,,,,,
क्या खूब मजबूरियां थी मेरी भी.. अपनी खुशी को छोड़ दिया” उसे" खुश देखने के लिए,,,,,
एक हलकी सी मुस्कुराहट से शुरू हुई मोहब्बत, हज़ार आँसू बहाने पर भी खत्म नहीं होती ,,,,,
तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी..और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ.,,,,,
हमारे पास तो बस #तेरी यादें है,ज़िन्दगी तो उसे #मुबारक हो जिसके पास तुम हो ,,,,,
“रिश्तो को वक़्त और हालत बदल देते है, अब तेरा ज़िकर होने पर हम बात बदल देते है,,,,,
हम तो बस कलम से दिल का हाल लिखते है, और लोग कहते है कि आप कमाल लिखते है ,,,,,