पुरानी होकर भी खास होती जा रही है मोहब्बत बेशर्म है जनाब बेहिसाब होती जा रही है ,,,,,,,
रहने दो अपनी जुल्फों को चेहरे पर यूं ही ये चाँद बादलों में ज्यादा हसीन लगता हैं ,,,,,,,
बेहद ख्याल रखा करो तुम अपना, मेरी आम सी जिन्दगी मैं बोहोत ख़ास हो तुम,,,,,,,
अनजान बन कर मिले थे, पता ही नहीं चला कब जान बन गए.,,,,,,,
किसी की आदत बनो, मोहब्बत अपने आप बन जाओगे ,,,,,,,
धड़कनों को कुछ तो काबू में कर ऐ दिल अभी तो पलके झुकाई है मुश्कुराना बाकि है ,,,,,,,
वो खूबसूरत तो बहुत है साहब, पर में शायर उनके साँवले रंग को देखकर बना था.,,,,,,,
खूबसूरत तो मुझे वो बाद में लगी, पहले तो मुझे मोहब्बत हुई थी.,,,,,,,
"गजब की दिवानगी है तुम्हारी मोहब्बत में, तुम हमारे नहीं फिर भी हम तुम्हारे हो गये",,,,,,,
जरुरी तो नहीं हर पल तेरे पास रहू मोहब्बत और इबादत दूर से भी की जाती है,,,,,,,
कुछ तो खास है जो तुझे मुझसे जोड़े रखता है वरना इतना माफ़ तो मैंने खुद को भी नहीं किया.,,,,,,,
नसीब का प्यार गरीब की दोस्ती, कभी धोखा नहीं देती हैं,,,,,,,
लोग सूरत पे मरते है जनाब मुझे तो आपकी आवाज़ से भी इश्क़ है.,,,,,,,
कुछ लोग इश्क तो बहुत करते है किसी से, बस अपने इश्क का इज़हार नहीं कर पाते.,,,,,,,
रिश्ता जताया नहीं निभाया जाता है,फिर चाहे वो दूर हो या पास.,,,,,,,
मसला तो सिर्फ अहसासों का है जनाब, रिश्ते तो बिना मिले भी सदियां गुजार देते है,,,,,,,
भूलना भुलाना तो दिमाग का खेल है, बेफिक्र हो जाओ तुम तो दिल में रहते हो.,,,,,,,
किसी और की क्या तारीफ करना, जब मेरा हमसफर ही लाजबाव हैं.,,,,,,,
तू मिले या ना मिले, ये मेरे मुक़ददर की बात हैं, सुकून बहुत मिलता हैं तुझे अपना सोचकर.,,,,,,,
बहुत खूबसूरत वो रातें होती है, जब तुमसे दिल की बातें होती है,,,,,,,
सारी शिकायतों का हिसाब जोड़कर रखा था मैंने… उसने गले लगाकर सारा हिसाब ही बिगाड़ दिया,,,,,,,
महोबत आगर चेहरे से होती तो खुदा दिल न बनाता,,,,,,,
इंतजार तो मुझे,उस मौसम का है…. जहां पानी नहीं, तेरा इश्क़ बरसे.,,,,,,,
कोई एक शख्स तो युं मिले.. कि वो मिले , तो सुकून मिले,,,,,,,
जो उम्रभर ना मिले...उसे उम्रभर चाहना भी इश्क़ है,,,,,,,
सवाल करने वाले तो बहुत मिलते है , लेकिन बिना सवाल किये ख्याल रखने वाले नसीब से मिलते है,,,,,,,
कभी कभी किसी की खुशी के लिए ही उन्हें छोड़ना पड़ता है,,,,,,,
जो समझाए भी और समझे भी वो ही दिल के करीब होता है,,,,,,,
सारी दुनिया रूठ जाए मुझे कोई दुख नहीं बस एक तेरा खामोश रहना... मुझे अन्दर तक तकलीफ़ देता है,,,,,,,
मेरे बस में नहीं अब हाल-ए-दिल बयां करना बस यह समझ लो लफ्ज़ कम मोहब्बत ज्यादा है,,,,,,,
वो लम्हा मेरी ज़िन्दगी का बड़ा अनमोल होता है.. जब तेरी बातें, तेरी यादें, तेरा माहौल होता है,,,,,,,
चुप चाप चल रहे थे जिंदगी के सफर में, तुम पर नजर पडी तो गुमराह हो गए ,,,,,,,
एक सच्चा रिशता कुछ भी नहीं मांगता वक्त और इज्जत के सिवा,,,,,,,
नज़र से नज़र मिला के तुम नज़र लगा गए, ये कैसी लगी नज़र कि, हम नज़र में आ गए,,,,,,,
आँखों से दूर दिल के करीब था मैं उसका और वो मेरा नसीब था न कभी मिला न कभी जुदा हुआ रिश्ता हम दोनों का कितना अजीब था, ,,,,,,,
फितरत हैं महोबत करने वालो की नहीं मिले तो सब्र नहीं करते, मिल जाए तो कदर नहीं करते,,,,,,,
सच्चा प्यार वही होता है जो अपनी गलती ना होने पर भी,अपना रिश्ता बचाने के लिए sorry बोल देते है,,,,,,,
तू मेरे दिल पे हाथ रख के तो देख, मैं तेरे हाथ पे दिल ना रख दूँ तो कहना,,,,,,,
अपना ख्याल रक्खा करो बेशक साँसे तुम्हारी है लेकिन जान तो हमारी है ,,,,,,,
वक़्त कितना भी बदल जाए मेरी मोहब्बत कभी नहीं बदलेगी ,,,,,,,
कभी आओ इस क़दर की आने में लम्हा और जाने में ज़िन्दगी गुज़र जाये,,,,,,,
एक दूसरे के जैसा होना ज़रूरी नहीं एक दुसरे के लिए होना ज़रूरी है,,,,,,,
मुझे तुमसे सिर्फ ये कहना है मुझे तेरी बाँहों में हमेशा रहना है,,,,,,,
तुझे मेने धड़कनो में बसाया तो धड़कने भी बोल उठी अब मज़ा आ रहा है धक् धक् करने में,,,,,,,
मुझे सुकून पाने के लिए दवा की नहीं बल्कि तुम्हारे साथ की ज़रूरत है.,,,,,,,
कोई अजनबी ख़ास हो रहा है,लगता है फिर प्यार हो रहा है,,,,,,,
दिलो जान से करेंगे हिफ़ाज़त तेरी,बस एक बार तू कह दे कि मैं अमानत हूं तेरी,,,,,,,
कुछ खास नहीं इन हाथों की लकीरों में,मगर तुम हो तो एक लकीर ही काफी है…,,,,,,,
दोनों जानते है के, हम नहीं एक-दूसरे के नसीब में,फिर भी मोहब्बत दिन-ब-दिन बे-पनाह होती जा रही है,,,,,,,
कितनी खूबसूरत हो जाती है दुनिया,जब कोई अपना कहता है की तुम बहुत याद आ रहे हो,,,,,,,
"बेबस कर दिया है , तूने अपने बस में करके.,,,,,,,
जानते हो मोहब्बत किसे कहते हैं किसी को दिल से चाहना उसे हार जाना और फिर खामोश रहना,,,,,,,