मेरे इस दिल को तुम ही रख लो ना बड़ी फ़िक्र रहती है इसे तुम्हारी,,,,,,
मोहब्बत भी ठंड जैसी है, लग जाये तो बीमार कर देती है,,,,,,
हर पल बस फिकर सी होती है जब मोहब्बत किसी सी बेपनाह होती है,,,,,,
रहा नहीं जाता आपके दीदार के बिना ज़िन्दगी अधूरी है मेरी आपके प्यार क बिना,,,,,,
इतना प्यार तो मैंने खुद से भी नहीं किया, जितना तुमसे हो गया है ,,,,,,
ना कोई शिकायत, ना कोई ग़म.... तेरे ही थे ओर तेरे ही रहेगे हम,,,,,,
जब तुम मेरी फिकर करते हो न तब जिन्दगी जनत सी महेसुस होती है,,,,,,
तुम मेरी वो किताब हो , जिसका हर लफ्ज़ मुझे ज़बानी याद है,,,,,,
ये जो तुम कहते रहते हो न की खुश रहा करो तो फिर सुन लो हमेशा मेरे पास रहा करो,,,,,,
प्यार वो नहीं है जो दुनिया को दिखाया जाये बल्कि वो है जो दिल से निभाया जाए,,,,,,
पता नहीं क्या बात है तुज में जो हर पल तुम्हे सोच कर भी मन नहीं भरता है,,,,,,
प्यार वही हैं ... जो दूर रहकर भी महसूस होता हैं,,,,,,
मुझे समझना है तो बस अपना समझ लेना क्यूकि हम अपनों का साथ खुद से ज्यादा निभाते हैं,,,,,,
जब मेरे पास कोई नही था..तब मेरा साथ निभाने का शुक्रिया,,,,,,
प्यार आज भी तुझसे उतना ही है बस तुझे एहसास नहीं और हमने भी जताना छोड़ दिया,,,,,,
तू मिले या न मिले ये तो मुक़द्दर की बात है मगर सुकून बहुत मिलता है तुझे अपना सोच कर,,,,,,
जो दिल के खास होते है, वो हर लम्हा आस-पास होते है ,,,,,,
बस तुम रूठा मत करो कभी मुझसे , क्यू की सुना है जान रूठ जाए तो कोई जी नहीं पता ,,,,,
रात के अंधेरे मे तो हर कोई किसी को याद कर लेता है सुबह उठते ही जिसकी याद आए मोहब्बत उसको कहते है,,,,,,
भर्री महफ़िल में दोस्ती का ज़िकर हुआ , हमने तो सिर्फ आपकी और देखा और लोग वाह वाह कहने लगे,,,,,,
इन आंखों की गुस्ताखी तो देखिए , तुम से आंखें मिलाने के बाद कुछ और देखने को राजी ही नहीं .,,,,,,
एक तरफा ही सही प्यार तो प्यार है, उसे हो ना हो लेकिन मुझे बेशुमार है.,,,,,,
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काश मोहब्बत में भी चुनाव होते, गजब का भाषण देते तुम्हें पाने के लिए,,,,,,
सच्चा प्यार किसी भूत की तरह होता है बातें तो सब करते है देखा किसी ने नहीं,,,,,,
रिश्ते वो होते हैं जिसमे तकरार कम और प्यार ज्यादा हो जिसमे सवाल कम और विश्वास ज्यादा हो,,,,,,
तुम्हें देखना और देखते रहना बड़ा अच्छा लगता है,,,,,,
मोहब्बत का एक फरिश्ता ऐसा मिला खुदा तो नही पर खुदा सा मिला,,,,,,
कमाल हैं ना ...? सांसे मेरी जिंदगी मेरी मोहब्बत मेरी , मगर जीने के लिये जरूरत तेरी,,,,,,
जो इश्क़ दूरियों में भी बरकरार रहे वो, इश्क़ ही कुछ और होता है.,,,,,,
नशा कोई भी हो जान लेवा ही होता है ..यकीन तब हुआ जब तेरी लत लगी,,,,,,
मेरी जिंदगी तेरे साथ शुरू तो नहीं हुई पर ख्वाहिश है खत्म तेरे साथ ही हो ,,,,,
जब तुम पास होते हो तब दिल चाहता है की वक़्त रुक जाए,,,,,,
तुमने ना सुनी धडकन हमारी पर हमने महसूस की सांस तुम्हारी,,,,,,
इश्क न हुआ कोहरा हो जैसे....तुम्हारे सिवा कुछ दिखता ही नहीं.,,,,,,
रिश्ते पेडो की तरह होते है....उन्हे सवारों तो,,"बुढ़ापे" में छाँव देते है ॥,,,,,,
दिल के रिश्ते का कोई नाम नहीं होता, माना कि इसका कुछ अंजाम नहीं होता, अगर निभाने की चाहत हो दोनों तरफ, तो कसम से कोई रिश्ता नाकाम नहीं होता.,,,,,,
कुछ रिश्ते निभाने के लिए आपका, नासमझ बने रहना जरूरी है...,,,,,,
नाम देने से कौन से रिश्ते सँवर जाते हैं...जहाँ रूह न बँधे दिल बिखर जाते हैं..,,,,,,
*सच्चा रिश्ता एक अच्छी पुस्तक जैसा होता है, कितना भी पुरानी हो जाए, फिर भी शब्द नहीं बदलते,,,,,,
अच्छा लगता है वो जब हर छोटी छोटी बातें मुझसे शेयर करता है। Gm विश से लेकर Gn विश करने के बीच दिन भर जो भी हुआ...हर बात बताना उसका,,,,,,
मोहब्बत कभी खत्म नही होती या तो बढ़ती है दर्द बनकर या फिर सुकून बनकर.,,,,
बस यूं ही थम के रहे गया कारवां दिल का, हम कहे नहीं पाए उन ने सुनना नहीं चाहा,,,,,,
जिनकी संगत मैं ख़ामोश संवाद होते है, अक्सर वो रिश्ते बहुत ही ख़ास होते हैं,,,,,,
हम तो मोहबत के नाम से भी अनजान थे, एक शख्स की चाहत ने पागल बना दिया,,,,,,
सोचती हूँ कुछ तो अच्छे करम मैंने भी किए होंगे, यूँ तो नसीब ना होती महोब्बत तुम्हारी,,,,,,
मोहब्बत तो एक तरफा होती है.... जो हो दो तरफा तो....उसे नसीब कहते है,,,,,,
छूकर भी जिसे छू न सके, वो चाहत होती हैं इश्क़ , कर दे फना जो रूह को, वो इबादत होती हैं इश्क़,,,,,,
हम दोनों को कोई भी बीमारी नही है... फिर भी तु मेरी और मैं तेरी दवा हूँ,,,,,,
तेरे चेहरे में ऐसा क्या है आखिर, जिसे बरसों से देखा जा रहा है,,,,,,
तुम होते कौन हो मुझसे बिछड़ने वाले,,,,,,
मेरी मुस्कान के लिये काफ़ी है याद तेरी,,,,,,
मिलावट का जमाना है साहिब,,,कभी हमारी हां में हां भी मिला दिया करो,,,,,,
मेरी आत्मकथा.... सिर्फ तुम्हारी कहानी है,,,,,,
सो जाया करो जल्दी कभी – कभी, ख्वाबो को तुम्हारा इंतज़ार रहता है,,,,,,
एक तू और तेरा प्यार, मेरे लिऐ काफी है मेरे यारा,,,,,
अपनापन छलके जिस की बातों में .. सिर्फ़ कुछ ही बंदे होते है लाखों में,,,,,,
बिन कहें मेैं समझ जाउ , वो अहसांस हो तुम,,,,,,
उस शाम तुमने मुड़कर मुझे देखा जब, यूँ लगा जैसे हर दुआ कुबूल हो गयी ,,,,,,
मुझे भी ज़िन्दगी में तुम ज़रूरी मत समझ लेना, सुना है तुम ज़रूरी काम अक्सर भूल जाते हो…,,,,,,
तू करे ना करे..... मेरा इश़्क काफ़ी है... हम दोनों के लिये,,,,,,
मुद्दत के बाद जिन्दगी फिर से मुस्कुराने लगी है , किसी की धडकन हमें अपना बनाने लगी है.,,,,,,
नजर चाहती है दीदार करना दिल चाहता है तुम्हें प्यार करना ,,,,,,
रिश्ता दिल में होना चाहिए शब्दों में नहीं और नाराजगी शब्दों में होनी चाहिए दिल में नहीं,,,,,,
अगर मुझे समझना चाहते हो तो, बस दिल से अपना समझो,,,,,,
कभी-कभी किसी से ऐसा रिश्ता भी बन जाता हैं...कि हर चीज से पहले उसी का ख्याल आता है,,,,,,
ना चाँद चाहिए ना फलक चाहिए , मुझे बस तेरी एक झलक चाहिए,,,,,,
इस दिल में तुम्हारे सिवा किसी को इजाजत नहीं,,,,,,
खुदा करे की किसी पर कोई फ़िदा न हो , अगर हो तो मौत से पहले जुदा न हो,,,,,,
लापता होकर निकले थे मोहबत में तेरी , हमें कया पता था मशहूर हो जाएंगे,,,,,,
हम तो मोहबत के नाम से भी अनजान थे, एक शख्स की चाहत ने पागल बना दिया,,,,,,
मुझसे नफरत ही करनी है तो इरादे मजबुत रखना जरा से भी चुके तो मोहबत हो जायेगी,,,,,,
वो ज़िंदगी ही क्या जिसमे मोहब्बत नही, वो मोहबत ही क्या जिसमे यादें नही, वो यादें क्या जिसमे तुम नही, और वो तुम ही क्या जिसके साथ हम नही!,,,,,,
मेरी जिंदगी मे खुशियाँ तेरे बहाने से है , आधी तुझे सताने से है आधी तुझे मनाने से है,,,,,,
दिलो मे रहता हु, धड़कने थमा देता हु - मे इश्क हु - वजूद की धजिया उड़ा देता हु,,,,,,
ग़ालिब ने खूब कहा है - ऐ चाँद तू किस मज़हब का है , ईद भी तेरी और करवाचौथ भी तेरा,,,,,,
“एक बार उसने कहा था मेरे सिवा किसी से प्यार ना करना, बस फिर क्या था तबसे मोहब्बत की नजर से हमने खुद को भी नहीं देखा,,,,,,
मुझसे जब भी मिलो तो नज़रें उठा के मिला करो, मुझे पसंद है अपने आप को तेरी आँखों में देखना,,,,,,
ऐसा नही है कि मुझमे कोई ‘ऐब’ नही है.. पर सच कहता हूँ मुझमें ‘फरेब’ नहीं है,,,,,,