आग के दरिया में हमेशा इश्क़ ही क्यों उतरे , कभी हुस्न को भी इसकी सजा मिलनी चाहिए ,
तारीफ़ के मोहताज नही होते,सच्चे लोग क्यूकी, असली फूलो पर कभी इत्र नही लगाया जाता ,
तेरी दुआओं का अजब दस्तूर ही है ऐ मेरे मालिक मोहब्बत उन्हीं को मिलती है जिन्हें निभानी नहीं आती ,
ये शायरी और मोहब्बत एक जैसी है ,हर किसी के साथ नहीं होती !!❤️
खमोशी 🤫 बहुत कुछ कहती है, कान 👂 लगाकर नहीं दिल ❤️ लगाकर सुनो !!❤️
नफरत है गुरुर नहीं ,दुबारा इश्क मंजूर नहीं.❤️
ना पुछो मेरा मजहब , मेरे पास तो कलम है , जो भी में लिख दु , वहीं मेरा धरम हैं
हर बार मुझे जख्म-ए जुदाई न दिया कर ,अगर तू मेरा नहीं तो मुझे दिखाई न दिया कर।
मंज़िल मौत है, सफर के मज़े लो.।
मिज़ाज में थोड़ी सख्ती लाज़िमी है हुजूर, लोग पी जाते समंदर अगर खारा न होता
कभी मिलो तो चेहरा छुपा लेना, उस खूबसूरत चेहरे पर पछतावा अच्छा नही लगेगा।
होश का पानी छिड़को मदहोशी की आँखों पर, अपनों से कभी ना उलझो गैरों की बातों पर
हवाएं भी मौत बरसा रही है आजकल, अगली मुलाकात के लिए वादा नही दुआ करना
इज्जत, मोहब्बत, तारीफ और दुआ मांगी नहीं कमाई जाती हैं !❤️
जो जाहेर करना पड़े वो दर्द कैसा और जो दर्द ना समझ सकें वो हमदर्द कैसा,,