चलो मुस्कुराने की वजह ढूढ़ते हैं..,
प्यार का नाम ही सुना है मैने ,,
आमना-सामना हमेशा नफरत से हुआ है .
कभी मतलब के लिए, तो कभी बस दिल्लगी के लिए,
हर कोई मोहब्बत ढूँढ़ रहा है यहाँ अपनी ज़िन्दगी के लिए....!!
उनकी मोहब्बत का अभी निशान बाकी हैं,
नाम लब पर हैं मगर जान अभी बाकी हैं,
क्या हुआ अगर देख कर मूंह फेर लेते हैं वो..
तसल्ली हैं कि अभी तक शक्ल कि पहचान बाकी
हैं!
जब मोहब्बत बेहिसाब हो तो जख्मों का हिसाब क्या करना,
अक्ल कहती है मारा जायेगा दिल कहता है देखा जायेगा.!
शायद लोगों की नजरो में हमारी कोई किंमत ना हो,
पर कोई तो होगा जो हमारा हाथ पकड़कर खुद पे नाज़ करेगा !! की तू बस मेरा हि है ।
दर्द ही सही मेरे इश्क का इनाम तो आया,
खाली ही सही हाथों में जाम तो आया, मैं हूँ बेवफ़ा सबको बताया उसने,
यूँ ही सही, उसके लबों पे मेरा नाम तो आया
प्यार तो मोहब्बत का करिश्मा है,,
वरना पत्थर के महल को taj महल कौन कहता
वफादार और तुम,,
ख्याल अच्छा है, बेवफा और हम,,
इल्जाम भी अच्छा है,,
नज़रिए में
लोग हर मंज़िल को मुश्किल समझते है,
हम हर मुश्किल को मंज़िल समझते है.
बड़ा फ़र्क है लोग और हमारे नज़रिए में,
लोग दिल को दर्द और हम दर्द को दिल समझते है.. !!!,,
बहुत मिलेंगे हसीन चेहरे इस दुनिया के बाजार में,..लेकिन,......वो मुकददर से मिलता है जिसका "दिल" खूबसूरत होता है !!,
सोचा था इस कदर उनको भूल जाएँगे,
देखकर भी अनदेखा कर जाएँगे,
पर जब जब सामने आया उनका चेहरा, सोचा एस बार देखले, अगली बार भूल जाएँगे……,