कैसे करूँ मैं साबित,,
कि तुम याद बहुत आते हो,,
एहसास तुम समझते नही,,
और अदाएं हमे आती नहीं,,
यही दुआ करता हू खुदा से, आप की जिन्दगी में कोई गम न हो, जन्मदिन पर मिले हजारों खुशियॉ चाहे उनमे शामिल हम न हो.,,
मैं शिकायते भी किससे करूँ,
सब किस्मतों की बात है,
तेरी सोच में भी नहीं हूँ मैं,
मुझे लफ्ज़ लफ्ज़ तू याद हैं.,,
नफरत करने की दवा बता दो
यारो,
वरना मेरी मौत की वजह मेरा प्यार ही होगा,,
इस दिल को किसी की आस रहती है,
निगाहों को किसी सूरत की प्यास रहती है,
तेरे बिना किसी चीज़ की कमी तो नही,
पर तेरे बेगैर जिन्दगी बड़ी उदास रहती है,,
नफरत करने की दवा बता दो यारो,
वरना मेरी मौत की वजह मेरा प्यार ही होगा,,
आँखों को जब किसी की चाहत हो जाती है,
उसे देख के ही दिल को राहत हो जाती है,कैसे भूल सकता है कोई किसी को ‘ऐ’ दोस्त,जब किसी को किसी की आदत हो जाती है,
मोहोब्बत कुछ इस कदर हो जाती है उसे,के रब से पहले उसकी इबादत हो जाती है,,
उनका इल्ज़ाम लगाने का अंदाज ही कुछ गज़ब का था,
हम खुद अपने ही ख़िलाफ गवाही दे बैठे,,
गम ने हसने न दिया, ज़माने ने रोने न दिया!
इस उलझन ने चैन से जीने न दिया!
थक के जब सितारों से पनाह ली!
नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया!,,
तुम तो ऐसे ignore करते हो हम को...
जैसे केबल के चेंनल में दूरदर्शन हो हम..,,