चलो मुस्कुराने की वजह ढूढ़ते हैं..,,
"हर शब्द में इतना
दर्द भर दूँगा,
की पढ़ने वाले को
बिना देखे तुजसे प्यार
हो जायेगा,,
"कभी मतलब के लिए, तो कभी बस दिल्लगी के लिए,
हर कोई मोहब्बत ढूँढ़ रहा है यहाँ अपनी ज़िन्दगी के लिए....!
"नजरअंदाज करने वाले तेरी कोई ख़ता ही नही,
महोब्बत क्या होती है, शायद तुझको पता ही नही...!!
"उसने पुछा के सबसे ज्यादा क्या पसन्द है तुम्हे...
हम बहुत देर तक उसे देखते रहे..
के शायद वो समझ जाये.... :!
उसे बेवफ़ा भी कहने का हक़ नहीं मुझे..
वफ़ा तो वो निभा रही है ..
कभी इधर..
कभी उधर..
नजरअंदाज करने वाले तेरी कोई ख़ता ही नही,
महोब्बत क्या होती है, शायद तुझको पता ही नही...!!
करनी है तो दर्द की साझेदारी कर ले,
मेरी खुशियों के तो दावेदार बहुत है.
तड़प के देखो किसी की चाहत में, तो पता
चलेगा, कि इंतजार क्या होता है..!!
यूं ही मिल जाए, कोई बिना चाहे, तो कैसे
पता चलेगा, कि प्यार क्या होता है.,,.
तूने तो कह दिया अब तेरा मेरा कोई वास्ता नहीं है..,
फिर भी अगर तू आना चाहे, तो रास्ता वही हैं..